मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी तालाब की जमीन पर दबंगों का कब्जा, अधिकारी मौन

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी तालाब की जमीन पर दबंगों का कब्जा, अधिकारी मौन

चित्रकूट
ब्यूरो रिपोर्ट – आशीष उपाध्याय

चित्रकूट। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बाद भूमाफिया तालाबों की जमीन पर कब्जा करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला चित्रकूट जिले के मानिकपुर तहसील अंतर्गत रैपुरा ग्राम से लगे कैरीकटनासा क्षेत्र का है। यहां एक दबंग ने कागजों में 1359 से दर्ज तालाब पर कब्जा करके उसे खेत का रूप दे दिया। वो उसपर खेती करता है साथ ही अपना मकान भी बना लिया है।
इस मामले की शिकायत अब चित्रकूट जिले के कलेक्टर से की गई है। शिकायतकर्ता संदीप उपाध्याय ने लिखित शिकायत में बताया है कि कैरी कटनासा (चकबंदी मौजा) में सन 1359 से एक तालाब दर्ज है, जबकि वर्तमान में वहां तलाब की जगह खेती की जा रही है। संदीप उपाध्याय ने बताया कि उनके पिता श्री मूलचंद्र उपाध्याय के नाम से जमीन अराजी नंबर 218 व 219(ख) इसी तलाब के बगल से दर्ज है, जो कि अगरहुंडा क्षेत्र में आती है।
इसी जमीन के ठीक बगल से कैरी कटनासा की सीमा शुरू होती है। अराजी नंबर 164/1 व 165 मौजा कैरी कटनासा आता है। यह जमीन तालाब का भाग है। इस जमीन पर रैपुरा निवासी रामचंद्र पुत्र रामस्वरूप व अरविंद कुमार व अशोक कुमार पुत्र रामप्रसाद, सुशीला पत्नी राम प्रसाद ने दबंगई पूर्वक कई सालों से कब्जा कर रखा है।
इन दबंगों ने तालाब की जमीन के बगल से दर्ज मूलचंद्र उपाध्याय की जमीन पर भी कब्जा कर लिया है। इससे दोनों के बीच आए दिन विवाद होता रहता है। पुलिस में भी शिकायत करने पर उचित कार्रवाई नहीं हो रही है। दबंगों द्वारा मूलचंद्र उपाध्याय व उनके भाइयों को उस मजीन पर जोतने बोने नीहं दिया जाता है। इससे उनके बीच आए दिन विवाद होता रहता है।
सार्वजनिक तालब को कर दिया समतल
आपको बता दें कि कैरी कटनासा का यह तालाब सार्वजनिक तालाब था और काफी बड़ा था। वर्तमान में दबंगों द्वारा तालाब को पूरी तरह से पाट दिया गया है और उस पर फसल ली जा रही है। इस बात को लेकर लोगों में काफी रोष है, लेकिन डर के चलते कोई भी इसकी शिकायत करने से डरता है। प्रार्थी ने कलेक्टर चित्रकूट और मुख्यमंत्री पोर्टल में शिकायत कर मांग की है कि मामले की जांच की जाए। सीमांकन कर देखा जाए कि दबंगों के कब्जे से तलाब को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की उड़ाई जा रही धज्जियां
तालाबों के हो रहे अतिक्रमण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की भी स्पष्ट गाइड लाइन है कि सरकारी तालाब में अवैध कब्जा गैर कानूनी है। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश हिचलाल तिवारी बनाम कमला देवी के केस की सुनवाई करते हुए साल 2001 में दिया है कि सरकारी तालाबों में कोई भी अवैध कब्जा नहीं कर सकता है। इसके बाद भी रैपुरा के दबंग रैपुरा ग्राम पंचायत के अध्यक्ष के रिश्तेदार होने का फायदा उठाकर तालाब की जमीन पर कब्जा कर रहे हैं।

 

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