त्रेता युग के ऐतिहासिक कुंवरदो तालाब के भीटे से अतिक्रमण को नही हटवा पा रहे जिम्मेदार
बीते दिनों अवैध अतिक्रमण में कार्य करते समय मजदूर का कटा था पैर
चित्रकूट
ब्यूरो रिपोर्ट -आशीष उपाध्याय
पूरा मामला रामनगर ब्लाक मुख्यालय के राष्ट्रीय राज्य मार्ग से सटे हुए ऐतिहासिक कुंवरदो तालाब का है जहा तालाब के भीटे में लगभग दर्जन भर मकान बने है जिनका बकायदा दुकानों का किराया भी वसूला जाता है।कई बार ग्रामीणों की शिकायत पर अतिक्रमणकारियों को नोटिस देकर केवल खानापूर्ति की गई किंतु आज तक कोई ठोस कार्यवाही नही होने के चलते बीते दिनों तालाब के भीटे में बने पंजाबी ढाबा नाम के होटल में छत मरम्मत करते समय छज्जा गिरने से एक गरीब मजूदर का पैर कट गया। जिसका इलाज प्रयागराज में चल रहा है। हालाकि मामले की जानकारी मिलते ही उपजिलाधिकारी मऊ वा हलका लेखपाल सहित मौके पर पहुंच कर तालाब के भीटे का निरीक्षण कर कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए किंतु कुछ सत्तापक्ष के प्रभावशाली सफेदपोशों के दबाव के चलते लेखपाल भी देर शाम तक हवा पानी गांठ कर अपना भौकाल दिखाते हुए जी हुजूरी करते चले गए किंतु अवैध निर्माण कराने वाले पर कोई कार्यवाही तक नही की रोज की भांति अतिक्रमण करने वाले होटल संचालक ने पुनः अपना टीन तप्पड़ से बढ़िया तरीके से नव निर्माण कराकर होटल संचालन कर रामनगर बस स्टैंड में तालाब के भीटे से लेकर सड़क तक अतिक्रमण करने में जुटा हैं।
सबसे बड़ा सवाल यह है की त्रेता युग के ऐतिहासिक कुंवर दो तालाब के भीटे में बने अतिक्रमण तक आखिर अब तक बाबा का बुलडोजर क्यों नही पहुंच पाया। जबकि राष्ट्रीय राज्य मार्ग के किनारे अतिक्रमणों पर बराबर बुलडोजर ने अतिक्रमण हटाए आखिर इस अतिक्रमण पर भेदभाव क्यों…??
अब देखना यह है की जिलाधिकारी महोदय इस ऐतिहासिक तालाब के भीटे में बने अवैध अतिक्रमण पर कैसे कार्यवाही करेंगे। क्या यहां भी बुलडोजर चलेगा या नोटिस दी जायेगी यह एक गंभीर चिंतनीय जांच का विषय है…?