न्यायालय द्वारा जमानत पर रिहा हिस्ट्रीशीटर संभाल रहा ग्राम पंचायत की बागडोर

न्यायालय द्वारा जमानत पर रिहा हिस्ट्रीशीटर संभाल रहा ग्राम पंचायत की बागडोर

गरीब महिला प्रधान बनी कठपुतली लगा गौशाला की खाद बेचने का आरोप

ग्राम प्रधान ने 2 ट्राली गौशाला से हिस्ट्रीशीटर को खाद देने की बात स्वीकारी

पहाड़ी/चित्रकूट
पूरा मामला चित्रकूट के पहाड़ी ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत देहुरूछ गांव का है । जहा के निवासी अंबिका सिंह पुत्र अयोध्या सिंह ने जिलाधिकारी अभिषेक आनंद को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि गांव की अनुसूचित जाति की गरीब अशिक्षित महिला प्रधान है जिसकी पूरी कमान गांव के ही दबंग हिस्ट्रीशीटर भोला सिंह के हाथो में है उक्त व्यक्ति के विरुद्ध चित्रकूट जनपद के अलग अलग थानों वा अन्य प्रांतों में भी मुकदमे दर्ज है,उक्त दबंग के आगे ग्रामीण भी हिम्मत नही जुटा पाते।

शिकायत कर्ता अंबिका सिंह ने बताया कि अस्थाई गौशाला में वर्ष भर से लगभग 200 गोवंश संरक्षित है। जिसमे वर्ष भर की इकट्ठा की हुई गोबर खाद को ग्राम पंचायत के सदस्य भोला सिंह को ग्राम प्रधान द्वारा नीलामी पद्धति नियमावली ,अभिलेखों को दरकिनार करते हुए दे दी गई जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 1 लाख रुपए बताई जा रही है। वही ग्राम प्रधान सोनिया देवी से जानकारी ली गई तो ग्राम प्रधान ने बकायदे वीडियो बयान देते हुए बताई की भोला सिंह मेरा सदस्य है ग्राम पंचायत का पूरा कार्य करता है इसलिए उसे केवल 2 ट्राली खाद दी गई है।

अब सवाल यह उठता है की सरकार की मंशानुरूप साशनादेश को दरकिनार करते हुए बिना नीलामी के कैसे खाद बेची गई यह जांच का विषय है। वही हिस्ट्रीशीटर द्वारा पूरे ग्राम पंचायत की बागडोर संभालना शासन की मंशा में प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है।

आखिर कब मुक्त होगी हिस्ट्रीशीटर के कब्जे से ग्राम पंचायत देहुरूछ,यह एक गम्भीर चिंतनीय विषय है..?

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