- मजदूर की बेटी को धोखे से ले जाकर वैश्यावृति में धकेलने वाले को तीन साल की सजा 1.2लाख का अर्थदण्ड
तीन वर्ष कारावास की भी सजा
विशेष न्यायाधीश विनीत नारायण पाण्डेय ने सुनाया निर्णय
चित्रकूट: बिस्किट खिलाने के बहाने मजदूर की बेटी को ले जाकर राजस्थान में वैश्यावृत्ति करने को मजबूर करने के मामले में दोष सिद्ध होेने पर न्यायालय ने आरोपी को तीन वर्ष कारावास और एक लाख दो हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी सिद्धार्थ आनन्द और विशेष लोक अभियोजक तेज प्रताप सिंह ने बताया कि बीती 12 अप्रैल 2008 को एक व्यक्ति ने कर्वी कोतवाली में अपनी आठ वर्षीय बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वादी के अनुसार वह मजदूरी करने घर से बाहर गया था। इस दौरान उसकी आठ वर्षीय बेटी गायब हो गयी। इस घटना के लगभग 11 साल बाद 18 जून 2019 को फिर से वादी ने कोतवाली कर्वी में प्रार्थना पत्र दिया और बताया कि लगभग 11 साल पहले उसकी जो बेटी लापता हुई थी। वह लौट आई है और उसने बताया है कि राजस्थान के भीलवाडा जिले के पंडेर थाने के कंजर कालोनी निवासी लक्ष्मण कंजर पुत्र धारिया कंजर उसे सहयोगियों के साथ बिस्किट खिलाने के नाम पर ले गया था। कुछ दूर ले जाने के बाद उसे बिस्किट खिलाया तो वह बेहोश हो गई। इसके बाद उसे आमानवीय यातनाएं देते हुए वैश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया गया। उससे जबरन वैश्यावृत्ति कराकर आरोपी पैसे कमाते थे। इस दौरान वादी की पुत्री को विकास नाम का एक युवक मिल गया और पूरी जानकारी होने के बाद वह आरोपियों के चुंगल से बाहर लाकर उसे यहां ले आया।
पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करने के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश विनीत नारायण पाण्डेय ने गुरूवार को निर्णय सुनाया। जिसमें धारा 363 और अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम की धारा 3 के तहत दोष सिद्ध होने पर आरोपी लक्ष्मण कंजर को एक लाख दो हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। साथ ही तीन वर्ष कारावास की सजा भी सुनाई गई है।