डीएम की अध्यक्षता में बाढ़ स्टीयरिंग ग्रुप की तैयारी के संबंध में बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई

डीएम की अध्यक्षता में बाढ़ स्टीयरिंग ग्रुप की तैयारी के संबंध में बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई।

रिपोर्टआशीष उपाध्याय
जिलाधिकारी अभिषेक आनन्द की अध्यक्षता में बाढ़ स्टीयरिंग ग्रुप की तैयारी के संबंध में बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई।
जिलाधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य, पशु पालन, विद्युत, सिंचाई, कृषि, लोक निर्माण विभाग, जल संस्थान,जल निगम, आदि विभागों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है सभी अधिकारी कार्य योजना बनाकर अपर जिलाधिकारी को उपलब्ध कराएं जनपद में प्रमुख नदियां पयस्वनी और यमुना एवं चार जलाशय हैं, उन्होंने अपर जिलाधिकारी कुंवर बहादुर सिंह को निर्देश दिए कि राहत सामग्री की समय से टेंडर प्रक्रिया करा लिया जाए नाव के साथ-साथ स्ट्रीमर की भी व्यवस्था सुनिश्चित करें, अधिशासी अभियंता सिंचाई आशुतोष कुमार को निर्देश दिए कि मंदाकिनी गंगा में बाढ़ को देखते हुए मध्यप्रदेश के अधिकारियों से भी संपर्क करते रहेंगे उप जिलाधिकारियों से कहा कि गत वर्ष जब बाढ़ आई थी तो उसमें कुछ व्यवस्था में कमी थी लेकिन इस बार कोई कमी नहीं होना चाहिए राहत सामग्री आदि व्यवस्थाएं स्थानीय स्तर पर अभी से ही सुनिश्चित कराएं रामघाट की व्यवस्था के साथ-साथ यमुना नदी पर भी सिंचाई विभाग नाव मोटर बोट गोताखोर की व्यवस्था कराएं अधिशासी अभियंता विद्युत राजापुर से कहा कि जो राजापुर क्षेत्र में विद्युत पोल बाढ़ के दौरान गत वर्ष डूब गए थे उनको ऊंचा करने की व्यवस्था अभी से सुनिश्चित कराएं, उप जिलाधिकारी राजापुर से कहा कि अगर अधिशासी अभियंता विद्युत राजापुर द्वारा इस कार्य में रुचि नहीं ली जाती है तो इसके खिलाफ शासन को पत्र भेजा जाएगा, बाढ़ क्षेत्र के आसपास उनके स्थान भी चयनित कर लिया जाए टॉर्च मोमबत्ती आदि की व्यवस्थाएं अभी से ही जन सहयोग से कराया जाए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था भी सुचारू रूप से संचालित रहे इसके लिए भी स्थानीय स्तर पर समरसेबल पंप वॉटर टैंकर आदि की व्यवस्था करें, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आरके चौरिहा को निर्देश दिए कि सभी बाढ़ क्षेत्र वाले प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दे कि उन क्षेत्रों में बाढ़ के दौरान फागिंग दवाओं का छिड़काव आदि व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराएं।
गत वर्ष जिन क्षेत्रों में बाढ़ आयी थी उसको देखते हुए सूची बना लें उसी हिसाब से गांव को जानकारी हो और गांव को आगाह कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि वहां पर राशन, पानी आने जाने की व्यवस्था, बाढ़ शिविर की व्यवस्था, गांव के रास्ते भी ठीक होने चाहिए। जिससे आने जाने में परेशानी न हो ऐसे गांव चिन्हित कर लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां नाव लगेगी वहां से बस्ती में जाने का रास्ता ठीक होना चाहिए। अगर ठीक नहीं है तो ठीक करा दिए जाएं। जिससे आवागमन बाधित न हो। वैकल्पिक व्यवस्था में भवन, जनरेटर, सोलर लाइट आदि की व्यवस्था पहले सुनिश्चित करें। नाव मालिकों की एक लिस्ट होनी चाहिए जिससे आवश्यकता पड़ने पर नाव की व्यवस्था हो जाय। उन्होंने कहा कि प्रयागराज से एनडीआरएफ से भी संपर्क में रहे ताकि आवश्यकता होती है तो बुलाया जा सके । बाढ़ नियंत्रण कक्ष गोताखोर भी चिन्हित कर लिया जाए। स्वयं सेवी संस्थाओं से भी सामंजस्य स्थापित कर लिया जाए जानवरों को भी समय पर वैक्सीनेशन कराया जाए चारा भूसा की भी व्यवस्था सुनिश्चित करें। जिला स्तर पर एवं तहसील स्तर पर भी कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाए।
बैठक में अपर जिलाधिकारी कुंवर बहादुर सिंह, उप जिलाधिकारी मऊ नवदीप शुक्ला, राजापुर प्रमोद कुमार झा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा सुभाष चन्द्र, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी लव प्रकाश, जिला कृषि अधिकारी आर पी शुक्ला,अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर के चौरिहा, अधिशासी अभियंता विद्युत आर एस वर्मा, सिंचाई आशुतोष कुमार, सहायक अभियंता सिंचाई गुरु प्रसाद आदि संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

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