जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय चित्रकूट में स्वागत समारोह में शामिल हुई राज्यपाल आनंदी बेन पटेल

जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय सीतापुर चित्रकूट के सभागार में स्वागत समारोह में शामिल हुई राज्यपाल

चित्रकूट ब्यूरो रिपोर्ट – आशीष उपाध्याय
महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश आनंदीबेन पटेल ने आज जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय सीतापुर चित्रकूट के सभागार में स्वागत समारोह में शामिल हुई महामहिम ने मां सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की तथा छात्र-छात्राओं द्वारा बनाई गई पेंटिंग का अवलोकन भी किया एवं विश्वविद्यालय के संगीत विभाग के छात्र/छात्राओं द्वारा स्वागत गीत एवं सरस्वती वंदना की प्रस्तुति की गई तथा योग विभाग के बच्चों द्वारा योग की क्रिया भी की गई। जिसको देख राज्यपाल महोदया भाव विभोर हुई।
महामहिम राज्यपाल ने कहा कि आज हमारी बेटियों ने जो यह कार्यक्रम प्रस्तुत किया है वह सराहनीय कार्य है यह कला सब में नहीं होती है मैं शिक्षकों तथा छात्र-छात्राओं को बधाई देता हूं योग साधना को मैं कल नहीं साधना बोलता हूं यह दिव्यांग विश्वविद्यालय दिव्यांग बच्चों के लिए है जो जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी द्वारा 23 वर्ष पहले सोचा था कि दिव्यांग बच्चों के लिए विश्वविद्यालय बनाया जाए जो आज यह विश्वविद्यालय भारतवर्ष में विकसित हो रहा है इस विश्वविद्यालय से कई दिव्यांग बच्चों निकालकर विभिन्न पदों पर कार्य कर रहे हैं शिक्षा का मतलब आत्मनिर्भर बनाना जब तक हम अपनी आत्मा को नहीं पहचानते तो आगे निकलना मुश्किल होता है साइंस शोध पेंटिंग आदि में निपुण होना अलग-अलग कार्य है अनेक प्रकार से इनको बढ़ाने का अवसर मिले यह कार्य विद्यालय के अध्यापकों का कार्य है कि हमारे छात्र-छात्राएं क्या चाहते हैं उसी के मुताबिक शिक्षा ग्रहण कराई जाए रोजगार बहुत महत्वपूर्ण है आत्मनिर्भर बनाएं बच्चों को नई-नई फैकल्टी शुरू करें एक बच्चा आगे बढ़ता है तो पूरा देश आगे बढ़ता है तभी देश की 140 करोड़ जनता का विकास होगा हमारे संस्कार परंपरा को छोड़े नहीं दुनिया के साथ कंपटीशन करना है यह प्रयास केंद्र व राज्य सरकार कर रही है जो सिलेबस आज की कमियां हो उसमें कुलपति व कुल सचिव राज भवन में मिलकर उसका निस्तारण कारण प्रदेश में 34 विश्वविद्यालय स्थापित हैं जिसमें तमाम बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं माननीय प्रधानमंत्री जी की मंशा है कि 2030 तक उच्च शिक्षा में 50% बच्चे होना चाहिए अभी देश में गैप 40 प्रतिशत हम लोगों को आंगनबाड़ी केंद्र से लेकर प्राथमिक विद्यालय जूनियर हाई स्कूल इंटरमीडिएट स्नातक परास्नातक पर मेहनत करना है कभी हम यह कार्य कर पाएंगे उन्होंने कहा कि मैं अपने क्षेत्र के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्री बहनों से भी कहती हूं कि आप लोग मेहनत करें आप लोग बच्चों की नींव है जब हम लोग ऐसा करेंगे तो जिन्होंने एक परिकल्पना बनाई है तो उनका सपना साकार होगा कड़ी मेहनत करनी पड़ती है उन्होंने कहा कि मैं जगत उत्तर प्रदेश आई तो शिक्षा के स्तर पर काफी कमी थी जिसको लेकर कार्य किया गया है जिसमें तीन विश्वविद्यालय ए प्लस एवं एक विश्व विद्यालय एक स्थान पाया है, उन्होंने कहा कि सेल्फ सफिशिएंट की स्थिति विश्वविद्यालय में बनाना है सरकार के सहारे ना रहे आप लोग प्रयास करें विश्वविद्यालय में छात्रों को भी जिम्मेदारी दें ताकि वह कार्यों के बारे में जानकारी कर सके जो बच्चे पेंटिंग अच्छा करते हैं उनको जिला के कारागार में ले जाकर सकारात्मक पेंटिंग दीवारों में कारण एक दूसरे को हम कैसे जोड़ सकते हैं इस पर कार्य करना है अनाथ आश्रम वृद्धा आश्रम में भी बच्चों को ले जाकर जागरूक करने के लिए पेंटिंग बनाई जाए उन्होंने कहा कि सोचिए मैं आज राज्यपाल नहीं हूं एक शिक्षक हूं, इस परिकल्पना के साथ कार्य करना होगा, उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि यह युवा अवस्था है यह समय कभी वापस नहीं आएगा इसका लाभ ले तभी आप आगे बढ़कर कोई कार्य कर सकते हैं।
तत्पश्चाप महामहिम राज्यपाल को रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर अभी तक के कार्यक्रमों के बारे में प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया गया जिसमें महामहिम राज्यपाल ने शिक्षकों से कहा कि जो भी कार्य विश्वविद्यालय में कारण उसमें बच्चों के क्रियाकलाप अवश्य होना चाहिए तथा फोटो के नीचे छात्र-छात्राएं क्या कर रहे हैं उसको भी दर्शाया जाए।
रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति शिशिर कुमार पांडेय ने महामहिम राज्यपाल को श्री कामतानाथ जी की फोटो एवं बच्चों द्वारा महा महिमा राज्यपाल की मनाई गई फोटो को भेंट किया। तथा उन्होंने परम पूज्य रामभद्राचार्य जी महाराज एवं विश्वविद्यालय परिवार की ओर से स्वागत किया गया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी अभिषेक आनन्द, पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला, कुलसचिव मधुरेंद्र कुमार, कुलपति बुंदेलखंड झांसी विश्वविद्यालय सहित संबंधित अधिकारी शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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