सिंचाई विभाग की लापरवाही से पियरिया माफी के किसानों की सैकड़ों बीघे फसल हुई बर्बाद

सिंचाई विभाग की लापरवाही से पियरिया माफी के किसानों की सैकड़ों बीघे फसल हुई बर्बाद

किसानों का आरोप जब नहर की खुदाई नहीं हुई तो पानी क्यों छोड़ा

जनपद चित्रकूट के राजापुर तहसील के ग्राम पंचायत पियरिया माफी के कई किसानों ने बताया है कि सिंचाई विभाग के जिम्मेदारों की लापरवाही बरतने से उनकी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं
पीड़ित किसानों का आरोप है कि गुंता नहर रैपुरा से निकली नहर माराचन्द्रा से होकर लालापुर करौंदी से पियरिया माफी सिकरी के मौजे तक आती है लेकिन इसके पूर्व तक इस नहर में कभी पानी नहीं छोड़ा गया
इस वर्ष एक बार नहीं बल्कि तीन बार लगातार पानी छोड़ने की वजह से पहले सरसों की फसल खराब हो गई फिर दुबारा चना की फसल खराब हुई अब तीसरी बार जौ की फसल बर्बादी की ओर पहुंच गई है
पियरिया माफी के किसानों का आरोप है कि इस नहर की खुदाई नहीं कराई गई है सिर्फ जेसीबी मशीन को खड़ी कर फोटो जरूर खींची गई है लेकिन इस नहर में पानी छोड़े जाने से किसानों की सैकड़ों बीघे फसल खराब जरूर की गई है पीड़ित किसान राजीव शुक्ला भागवत पाण्डेय राजा मिश्र लखन लाल मिश्र विश्वनाथ पाण्डेय कौशल किशोर चुना गर्ग महेंद्र शुक्ला ने सिंचाई विभाग पर सवाल खड़े करते हुए बताया कि कोई भी नहर ओर से छोर तक बनाई जाती है लेकिन यहां पर सिंचाई विभाग की यह परियोजना पियरियामाफी सिकरी की सीमा पर ही लुप्त हो जाती है और फिर इसकी कभी खुदाई व साफसफाई नहीं होने से पानी छोड़े जाने पर इस नहर का पूरा पानी सीधे किसानों के खेत की फसलों को प्रभावित कर गुंता नदी में पूरा पानी बह जाता है किसानों ने यह भी बताया कि इस नहर को बने हुए कई वर्ष हो गए लेकिन इसके पहले इसमें कभी पानी नहीं छोड़ा गया किसानों का कहना है कि यदि उन्हें जानकारी होती तो पानी के आधारित फसल तैयार करने का उपक्रम करते सिल्ट की सफाई नहीं होने से यहां सैकड़ों बीघे फसल खराब हो गई है जिससे किसान परेशान हैं यहां कुछ किसानों के खेत में अभी भी पानी भरा हुआ है तो कुछ किसानों की हिम्मत ही नहीं हुई कि दुबारा फसल की बुवाई करा सकें
किसानों ने जाँच पड़ताल कराकर मुआवजा दिलाने की गुहार लगायी है