चित्रकूट पुलिस द्वारा 43 साइबर अपराध पीडित व्यक्तियों के 16,36,668/- रुपये कराये गये वापस

चित्रकूट पुलिस द्वारा 43 साइबर अपराध पीडित व्यक्तियों के 16,36,668/- रुपये कराये गये वापस

चित्रकूट

ब्यूरो रिपोर्ट – आशीष उपाध्याय

साइबर अपराधियो पर लगातार कार्यवाही जारी रखते हुए कुल 43 साइबर अपराध पीडित व्यक्तियों के 16,36,668/- रुपये कराये गये वापस

वर्तमान में बढ़ते साइबर अपराध को रोकने व आमजनमानस को इससे राहत दिलाने के उद्देश्य के तहत चलाये जा रहे अभियान के क्रम में पुलिस अधीक्षक जनपद चित्रकूट वृंदा शुक्ला के कुशल निर्देशन में अपर पुलिस अधीक्षक चित्रकूट चक्रपाणि त्रिपाठी व क्षेत्राधिकारी कार्यालय शिवप्रकाश सोनकर के कुशल पर्यवेक्षण में साइबर सेल प्रभारी, निरीक्षक विजय सिंह तथा उनकी टीम द्वारा लगातार सार्थक प्रयास करते हुये कुल 43 साइबर अपराध पीड़ित व्यक्तियों के कुल 16,36,668/- रुपये अथक परिश्रम कर उनके खातों में वापस कराये गये हैं
साइबर सेल में नियुक्त साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक विजय सिंह, आरक्षी सर्वेश कुमार, आरक्षी हरिशचन्द्र , आरक्षी प्रशांत कुमार द्वारा अथक प्रयास करके 43 पीडितों का शत-प्रतिशत रुपया बरामद कराया गया ।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में आम जनमानस द्वारा बैंक आने जानें व बैंकिग औपचारिकताओं में नष्ट होने वाले समय से बचने के लिये व भारत सरकार के डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहित करने के क्रम में आम जनमानस भी जिनके पास एन्ड्राइड मोबाइल उपलब्ध है आँन-लाइन बैंकिंग सेवा का लाभ ले रहे हैं लेकिन इस कार्य में जरा सी असावधानी होने पर कई लोग साइबर ठगी का शिकार भी हो रहे है । अतः आँन-लाइन बैंकिंग सेवा का लाभ ले रहे व्यक्तियों को यह जानकारी जरुरी है कि कैसे-कैसे हम साइबर ठगी का शिकार हो सकते है और क्या सावधानी अपनायें की साइबर ठगी से बचा जा सके ।

साइबर अपराध के प्रकार

1. फोन पर कभी भी किसी प्रकार के लुभावने ऑफर प्राप्त करने हेतु कभी किसी को अपने बैंक, खाता, एटीएम न0, ओटीपी सम्बन्धी जानकारी शेयर करना ।
2.किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा फोन पर पैसे प्राप्त करनें के लिये यूपीआई पिन डलवाना।
3. किसी भी अनजान लिंक/ वेबसाइट को ओपन करना ।
4.ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से खरीददारी हेतु पूर्व भुगतान करते समय क्विक सपोर्ट/टीम व्यूवर/कस्टमर सपोर्ट आदि (स्क्रीन शेयरिंग) एप का इस्तेमाल करना ।
5. अज्ञात कॉलर द्वारा विभिन्न सरकारी योजनाओ व कालोनी स्वीकृत किये जाने के नाम पर भी पैसों की मांग किया जाना ।
6. साइबर एक्सटार्शन (न्यूड वीडियो क्लिप भेजकर/धमकी भरे हमले को रोकने के लिये पैसे की मांग करना ) ।
7. आपके किसी परिचित को एक्सीडेन्ट/बीमार दिखाकर ईलाज हेतु आन लाइन पैसे की मांग करना ।
8. सोशल मीडिया पर सस्ते दामों पर सामान बेंचने के नाम पर ठगी(फिसिंग) करना ।
9. अज्ञात नम्बरों से हूबहू आपके परिचितों की आवाज में पैसे आदि की डिमाण्ड करना ।
10. घर बैठे रोजगार (पेन्सिल कारोबार, वीडियो को लाइक एवं सब्सक्राइबर बढाये जाने का कार्य) पाने के नाम पर ठगी ।

साइबर अपराध से बचाव के उपाय

1. फोन पर कभी भी किसी प्रकार के लुभावने ऑफर प्राप्त होने पर आप कभी किसी को अपने बैंक, खाता, एटीएम न0, ओटीपी सम्बन्धी जानकारी शेयर न करें ।
2. किसी भी अनजान व्यक्ति के कहने पर फोन पर पैसे प्राप्त करनें के लिये यूपीआई पिन न डालना । यूपीआई पिन हमेशा पैसे भेजने के लिये प्रयोग होता है न कि प्राप्त करनें के लिये ।
3. किसी भी अनजान लिंक/ वेबसाइट को ओपन करने पर आपकी पर्सनल जानकारी फ्राडर तक साझा हो जाती है, इससे बचें ।
4. ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से खरीददारी हेतु पूर्व भुगतान करते समय क्विक सपोर्ट/टीम व्यूवर/कस्टमर सपोर्ट आदि एप का इस्तेमाल करने से आपके हैण्डसेट की स्क्रीन शेयरिंग हो जाती है, उक्त एप्स के इस्टालेशन से बचें ।
5. अज्ञात कॉलर द्वारा विभिन्न सरकारी योजनाओ व कालोनी स्वीकृत किये जाने के नाम पर भी पैसों की मांग करने पर पैसे न भेजें एवं तत्काल नजदीकी थाने पर शिकायत करें ) ।
6. साइबर एक्सटार्शन (न्यूड वीडियो क्लिप भेजकर/धमकी भरे हमले को रोकने के लिये पैसे की मांग करने पर पैसे न भेजें एवं तत्काल नजदीकी थाने पर शिकायत करें ) ।
7. आपके किसी परिचित को एक्सीडेन्ट/बीमार दिखाकर ईलाज हेतु आँन-लाइन पैसे की मांग करने पर पैसे न भेजें एवं तत्काल नजदीकी थाने पर शिकायत करें ) ।
8. सोशल मीडिया पर सस्ते दामों पर सामान बेंचने के नाम पर ठगी(फिसिंग) करतें हैं सामान अधिकृत विक्रेता/दुकान से ही खरीदें किसी को एडवान्स पैसा न भेजें।
9. अज्ञात नम्बरों से हूबहू आपके परिचितों की आवाज में पैसे आदि की डिमाण्ड करने पर अपने उस परिचित से पुष्टि करने के उपरान्त ही पैसे भेंजे ।
10 घर बैठे रोजगार (पेन्सिल कारोबार, वीडियो को लाइक एवं सब्सक्राइबर बढाये जाने का कार्य) पाने के नाम पर ठगी/पैसे की मांग करनें पर पैसे न भेंजें ।

नोट- किसी भी प्रकार का साइबर फ्राड होने पर हेल्पलाइन नं0 1930 पर तुरंत क़ॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर कम्पलेंट रजिस्टर करें या अपनें थाना के साइबर हेल्प डेस्क / जनपदीय साइबर सेल को तत्काल सूचना दें ।

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