चित्रकूट के विंध्य कूट पर्वत पर विराजमान हैं मां विंध्यवासिनी माता

चित्रकूट के विंध्य कूट पर्वत पर विराजमान हैं मां विंध्यवासिनी माता

चित्रकूट धर्मनगरी से 50 किलोमीटर दूर प्रयागराज झांसी राज्य मार्ग में बरग ढ़ घाटी के समीप मुख्य मार्ग से लगभग एक किलोमीटर दूर घने जंगल में विंध्य कूट नामक पर्वत पर मा विंध्य वसिनी माता का मंदिर है।ग्रामीणों व क्षेत्रवासियों की चर्चाओ की माने तो बताया जा रहा है कि हजारों वर्ष पूर्व जंगलों में चरवाहों ने जानवर चराते समय एक चट्टान के नीचे उभरी प्रतिमा को देखा और अपनी मनोकामना पूरी होने के बाद उन्होंने गांव व क्षेत्र में स्थान व उसके प्रभाव के बारे में जन चर्चाएं की तो लोगो का विश्वास व आस्था जगने लगी धीरे धीरे लोग अपनी मनोकामना लेकर माता के दर्शन करने आने लगे मनोकामना पूर्ण होने के बाद भंडारा कीर्तन आदि के आयोजन करने लगे। आस पास के गांवों में माता के प्रति आस्था इतनी गहरी हो गई की लोग अपने अपने गांव की ड्योहरी,गांव की कुल देवी के रूप में पूजा करने लगे।विंध्य कूट पर्वत में विराजमान इन देवी माता को लोग विंध्य वासिनि माता का नाम दिया व विंध्य वासिनि माता के नाम से जानने लगे। यहां पर धीरे धीरे श्रद्धालुओं कि आस्था बढ़ने लगी श्रद्धालु परानूं बाबा से ऋषियन आश्रम होते हुए विंध्य वासिनी माता के दर्शन कर विंध्य कूट पर्वत की परिक्रमा करते हैं।

मंदिर परिसर में बनी कुटिया में रहने वाले महंत पुजारी बताते हैं कि इस विंध्य कूट पर्वत की शिखर के तलहटी में एक गुप्त सरोवर है जहा देवी देवताओं का वास है उसी सरोवर से पर्वत के पूर्व दिशा व उत्तर दिशा में जल का बड़ा स्रोत है जिसमें वर्ष के बारहों महीने निर्मल गंगा जल की तरह पानी निकलता रहता है कई लोग इस अ गूढ़ रहस्य को जानने के लिए प्रयास किए किन्तु उक्त जल धारा के उदगम स्थल को नहीं खोज पाएं। महंत ने विंध्य वासिनि माता की महिमा का बखान करते हुए बताया कि यहां नवरात्रि व शोमवार,वृहस्पतिवार, शुक्रवार को भी सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं,श्रद्धालु बच्चो का मुंडन संस्कार भी यही कराते है कीर्तन व भंडारा निरंतर चलता रहता है। यहां पर चित्रकूट,प्रयागराज,रीवा मध्य प्रदेश ,कौशांबी सहित अन्य जनपदों से भी श्रद्धालु अपनी मनोकामना को लेकर माता के दर्शन करने आते है।
माता का मंदिर जंगल के दुर्गम क्षेत्र में होने के चलते व रास्ता न होने के चलते पर्यटकों को इस स्थान का पता नहीं चल पाता तथा आने जाने की असुविधा व सुरक्षा के चलते बहुत से श्रद्धालु नहीं पहुंच पाते।

महंत ने मीडिया के माध्यम से आवाज उठाई की यदि इस स्थान तक मुख्य मार्ग से एक किलोमीटर सड़क का निर्माण हो जाए तो चित्रकूट आने वाले पर्यटकों का यह भी ठहराव होने लगेगा तथा यहां का विकास होगा।

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